NGO Full Form in Hindi
गैर सरकारी संगठन (Non governmental organization)
इसे हम Non Profitable Organization भी कहते है |
What is NGO – एनजीओ क्या है ?

NGO का मुख्य उद्देश्य होता है सामाजिक कल्याण करना | इस आर्गेनाइजेशन को कुछ व्यक्ति के समूह के द्वारा संचालित किया जाता है | जैसाकि इसके नाम से ही पता चलता है की NGO सरकारी नहीं होते है बलकि गैरसरकारी होते है |मतलब यह प्राइवेट संसथान होती है जो गरीब और जरूरतमंद लोगो की मदत करती है | इसको सही सब्दो में कहा जाये तो इसको समाज सेवा कहते है |
NGO से अनेक तरीको से समाज की सेवा की जा सकती है जैसे गरीबो को रहने के लिए घर देना , खाना देना, शिक्षा देना, महिलौय की सुरक्षा करना आदि बहुत सारे काम जो है ngo में होते है क्यूंकि ये गैर सरकारी काम होता है तो इनके वर्किंग में सरकार का कोई रोल नहीं होता है |NGO का काम समाज का कल्याण करना होता है | गैर सरकारी संगठनों का मुख्य उद्देश्य सामाजिक न्याय, विकास और मानव अधिकार प्रदान करना है। यह स्थानीय समुदाय (local community) को सीधे सेवाएं प्रदान करता है।
History of NGOs – एनजीओ का इतिहास ?
गैर सरकारी संगठनों की शुरुआत 1775 से 1918 के बीच में की गई थी | गैर सरकारी संगठनों की सबसे पहले सुरवात अमेरिका से की गई थी | इसमें विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दे और युद्ध पीड़ित मुद्दे शामिल हैं। 1960 के दशक के अंत में, गैर-सरकारी संगठनों की संपूर्ण वृद्धि शुरू हो गई थी। गैर-सरकारी संगठनों के विकास का मुख्य कारण आर्थिक मंदी, शीत युद्ध का अंत, निजीकरण, बढ़ती मांग आदि है |
How NGO works – Ngo कैसे काम करता है ?
NGOs को चलाने के लिए कम से काम सात या उसे ज्यादा वयक्तियो की जरुरत होती है | यह खुद को लाभ पहुंचने के उदेश्य से नहीं बल्कि दूसरो को फायदा पहुंचने के उदेश्य से किया जाता है |
NGO Functions – Ngo के क्या कार्य होते है ?
समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उदेश से यह NGOs बहुत सारे कार्य करते है |जैसे की गरीबो को खाना देना , गरीब के बच्चो को अच्छी शिक्षा उबलब्ध कराना, महिलाओ को उनका खुद का घर उपलब्ध कराना , पेड़ -पौधों को लगा कर पर्यावरण बचाना , जल सरक्षण के लिए कार्य करना आदि ऐसे कए सारे कार्य करते है | गैर-सरकारी संगठन समाज के विकास, समुदायों में सुधार और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं |
एनजीओ का सबसे महत्वपूर्ण कार्य यह होता है कि वे उन लोगों की गरीमा को बनाए रखने में मदद करते हैं, जिन्हें हमेशा जिंदगी में अनदेखा किया गया है और वो उन कार्यो का आनंद नहीं ले पाते है, जो अन्य लोगों ने अपने ज़िन्दगियों में लिया होता है , जैसे कि women gender inequality,असमानता, अछूत भेदभाव, समाज में धार्मिक भेदभाव का सामना करना आदि |
How to start NGO – NGO कैसे शुरू करे ?
Documents Required for NGO Registration
दोस्तों किसी भी आर्गेनाइजेशन को रजिस्टर कराने के लिए कुछ दस्तावेज की जरुरत होती है | ठीक उसी तरह NGO को भी रजिस्टर कराने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है | नीचे उस डॉक्यूमेंट के नाम बताये गए है जो आपको ngo रजिस्ट्रेशन करवाने से पहले बनवाना जरुरी होगा |
नोट – आपको बता दे की हर ngo का अपना अलग रजिस्ट्रेशन मेथड होता है और यह जरुरी नहीं है की आप को यह सभी डॉक्यूमेंट बनवाना जरुरी ही है इसलिए आप रजिस्ट्रेशन करवाने से पहले अच्छे से जानकारी जरूर ले |
- PAN Card
- Society Deed / Memorandum Of Association
- Id Proof (Voter Id/ Aadhar Card)
- At least two shareholders
- Passport (mandatory)
- Registered Office Address Proof
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NGO Registration

इंडिया में NGO शुरू करने के लिए 3 Important Act बनाये गए है जिनको ध्यान में रक कर आप ंगो का रजिस्ट्रेशन करवा सकते है | आप इन तीनो एक्ट में से किसी एक एक्ट को ध्यान में रख कर आसनी से रजिस्टर करवा सकते है |
चलिए जानते है की वो कोनसे तीन एक्ट है |
1 .TRUST ACT
हर राज्य में अपना अलग-अलग नियम हो सकता है |लेकिन ट्रस्ट एक्ट के अंदर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपके पास 2 Trustees होने चाहिए |इसके बाद आपको चैरिटी कमिश्नर के ऑफिस में रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करना होता है | इस एक्ट के अंदर Ngo का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपको Deed document की आवयश्क्ता होती है |
2 .Socitey Act
यह एक्ट का यूज़ ज्यादातर महाराष्ट्र राज्य में किया जाता है | इस एक्ट के अनतर्गत NGO Trustee के तौर पर रजिस्टर किया जाता है | इसके लिए Memorandum of Association and Rules & Regulation के डॉक्यूमेंट की जरुरत होती है साथ ही ngo के लिए कम से कम 7 members की आवश्कता होती है |
3 .Companies Act
इसके लिए Memorandum of Association & Regulation document की आवश्कयता होती है | इस डॉक्यूमेंट को बनवाने के लिए किसी भी स्टाम्प पेपर की जरुरत नहीं होती है और डॉक्यूमेंट के लिए कम से कम 3 लोगो का होना अनिवार्य है |
तो आप इन एक्ट के अंतर्गत अपना NGO रजिस्ट्रेशन करवा सकते है |
Best NGO in INDIA

भारत में कए सारे ऐसे NGO है जिनको आप अपना रोले मॉडल मान कर शुरू कर सकते है |उनके नाम नीचे दिए गए है |
- Samman Foundation.
- Sargam Sanstha.
- Smile Foundation.
- Nanhi Kali.
- Child Right & You (CRY).
- Being Human
- Goonj
- Helpage India.
- Aashayein foundation.
- Childline India (Indian charitable trust)
- Care India.
- Pratham
1. Care India –
CARE इंडिया 68 वर्षों से भारत में काम कर रहा है और एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो गरीबी और सामाजिक अन्याय को कम करने पर ध्यान दे रहा है। हम स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और आपदा राहत और प्रतिक्रिया में अच्छी तरह से योजनाबद्ध और व्यापक परियोजनाओं के माध्यम से ऐसा करते हैं। इनका लक्ष्य गरीब और हाशिए के समुदायों की महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना और उनके जीवन और आजीविका में सुधार करना है।
Official Website – www.careindia.org
2. Samman Foundation –
Samman Foundation एक ‘नॉट-फॉर-प्रॉफ़िट‘ कंपनी है, जो भारतीय कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के तहत पंजीकृत है। इसे वर्ष 2007 में स्थापित किया गया था, यह स्वास्थ्य और आजीविका में व्यापक काम सहित कई जमीनी पहल के माध्यम से सामुदायिक सेवा में सक्रिय रूप से लगी हुई है।
Official Website – www.sammaan.org
3. Child Right & You (CRY) –
CRY एक भारतीय गैर-सरकारी संगठन है जो समानता, न्याय और सम्मान का वादा करने वाले समाज के निर्माण के लिए बच्चों के अधिकारों को बहाल करने में मदद करता है।इसके नाम से ही पता चलता है की यह बच्चो के हक़ में बनाई गए है |
हजारों दलित बच्चों के उत्थान के लिए संगठनों के साथ CRY साझेदार। CRY सभी स्तरों पर काम करता है, जिसमें वकालत, जागरूकता बढ़ाने, प्रत्यक्ष कार्रवाई और नीति में बदलाव शामिल हैं। ये बच्चो के स्वस्थ, खुश और रचनात्मक बचपन सुनिश्चित करने के लिए अपना समय और पैसा दोनों समर्पित करते हैं।
Official Website – www.cry.org
4. Goonj –
Goonj , भारत में स्थित एक गैर-सरकारी संगठन है। यह भारत के 23 राज्यों के कुछ हिस्सों में आपदा राहत, सहायता और सामुदायिक विकास का कार्य करता है। इसकी सुरुवात 1999 में अंशु गुप्ता ने की थी। गूंज के साथ अपने काम के लिए, उन्हें 2015 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार( Ramon Magsaysay Award) से सम्मानित किया गया था |
गूंज ने 67 परिधानों के साथ शुरुआत की है और अब हर साल 3500 टन से अधिक सामग्री का सौदा करता है। यह विदेशी अधिनियम में छूट के लिए सोसायटी अधिनियम और धारा 80 जी, 12 ए और एफसीआरए के तहत पंजीकृत है।
Official Website – www.goonj.org
5 . Pratham –
प्रथम भारत के सबसे बड़े गैर-सरकारी संगठनों में से एक है। इसकी स्थापना Madhav Chavan ने की थी। यह भारत में वंचित बच्चों (underprivileged children) के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रावधान की दिशा में काम करता है। झुग्गियों में बच्चों को स्कूल-पूर्व शिक्षा प्रदान करने के लिए 1994 में मुंबई में स्थापित, प्रथम ने आज भारत के 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में हस्तक्षेप किया है और संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और स्वीडन में अध्यायों का समर्थन किया जा रहा है।
Official Website – www.pratham.org
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How to get funds for ngo in India

फंडिंग का मतलब होता है other then loan. NGO को फंडिंग की आवश्यकता इसलिए होती है क्यूंकि इसे वो कई सारी एक्टिविट्स कर पाते है |
भारत में कई सारे NGO को फंडिंग में प्रॉब्लम आती है और हर NGO के लिए फण्ड बेहद जरुरी होता है क्यूंकि बिना फण्ड के वो कई तरह की सहयता करने में असमर्थ हो जाते है |
फंडिंग दो प्रकार की होती है |
1. Indian Funding
- Member Funding –
मान लीजिये आपका ngo है इसके लिए सबसे पहला स्टेप होगा आप अपने ngo में जितने मेंबर है उनसे थोड़ा -थोड़ा पैसा इकठा करके ngo के लिए यूज़ कर सकते है इस फंडिंग को मेंबर फंडिंग कहते है |
- Public Funding –
जब आप अपना ngo start करते है तो उसके बारे में लोगो को बताते है | इसे यह होता है की लोग आपके ngo के बारे में जानेंगे और फंडिंग देंगे क्यूंकि लोग भी समाज सेवा करना चाहते है |इसके लिए आप सोशल एक्टिविट्स कर सकते है जिसे लोग आपके ngo को ज्यादा से ज्यादा फंडिंग देना चाहेंगे |
- Govt. Funding –
- CSR Funding –
कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) फंडिंग है, जिसके तहत नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन (NGO) कॉर्पोरेट सेक्टर से वित्तीय और अन्य सहायता प्राप्त कर सकते हैं। कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत कंपनियों के औसत लाभ में 2 प्रतिशत का योगदान प्रदान करना अनिवार्य है|
2 . International Funding
इस प्रकार की फंडिंग दूसरे देशो द्वारा NGO को मिलती है इसलिए इसे इंटरनेशनल फंडिंग कहते है | इसे फॉरेन फंडिंग(Foriegn Funding) भी कहते है | नीचे दिए गए दोनों फण्ड इंटरनेशनल फंडिंग में आते है |
Indo Global Social Service Society (IGSSS)
International Centre For Eyecare Education (ICCE)
Types of NGO in India
TANGO –
यह तकनीकी सहायता एनजीओ को संदर्भित करता है | (Technical assistance NGO)
GSO –
यह ग्रासरूट सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के लिए है | (Grassroots Support Organizations)
CHARDS –
यह सामुदायिक स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास सोसाइटी के लिए एक संक्षिप्त रूप है |
MANGO –
यह बाजार की वकालत एनजीओ को संदर्भित करता है | (Management Accounting for Non Government Organizations)
INGO –
यह Oxfam की तरह अंतरराष्ट्रीय एनजीओ का संक्षिप्त रूप है | (international non-governmental organization)
GONGO –
यह सरकार द्वारा संचालित गैर सरकारी संगठनों को संदर्भित करता है |(A government-organized non-governmental organization)
BINGO –
यह व्यापार-अनुकूल अंतर्राष्ट्रीय एनजीओ के लिए उपयोग किया जाने वाला एक छोटा शब्द है| (business-friendly international NGO or big international NGO)
CITS –
यह एक प्रकार का एनजीओ है जो मूल रूप से मदद करने में समर्पित है |युवा प्रतिभा को प्रेरित करके वैज्ञानिक समुदाय towards R & D .
Conclusion
दोस्तों आज हमने जाना NGO के बारे में , Ngo क्या होता है ?,NGO कितने प्रकार के होते है ?,अपने NGO के लिए कहाँ से फण्ड लाये आदि | उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आएगा |
अगर आपके मन में NGO से रिलेटेड कोई और question है | तो आप उसे कमेंट में बताये |
इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर जिसे और भी लोग NGO के बारे में जान सके |
[sc_fs_multi_faq headline-0=”h3″ question-0=”NGO का फुल फॉर्म क्या है?” answer-0=”Non Governmental Organization” image-0=”” headline-1=”h3″ question-1=”क्या एनजीओ एक कंपनी है?” answer-1=”ट्रस्ट, सोसाइटी या नॉन प्रॉफिट कंपनी के सभी रूपों को एनजीओ के रूप में जाना जाता है। सोसायटी, ट्रस्ट या नॉन प्रॉफिट कंपनी सभी को एनजीओ के रूप में जाना और पहचाना जाता है, केवल गठन, पंजीकरण और प्रबंधन प्रक्रिया ही मुख्य अंतर है।समाज कल्याण और सामाजिक विकास के लिए NGO का गठन किसी भी प्रकार से किया जा सकता है। ” image-1=”” count=”2″ html=”true” css_class=””]